Lyrics: प्राण निकल जायेगा पहुंचूंगा मैं प्रभु के पास स्वीकार करेगा मुझे अपने देश विश्राम मैं पाउँगा
1. प्राण निकल जायेगा पहुंचूंगा मैं प्रभु के पास स्वीकार करेगा मुझे अपने देश विश्राम मैं पाउँगा (2)
कितना आराम कितना सुखमय वो मेरा जीवन होगा दुख से भरे जगत को मैं छोड़कर चला जाउँगा। (2)
2. देह छोड़ जाऊँगा पहनूंगा मैं स्वर्गीय को तैयार किया है चिरस्थायी वह जो परमेश्वर के द्वारा (2)
पाऊँगा मैं अनमोल वह ताज न कभी मुरझायेगा सुख से भरा देश वह होगा नित मैं वहाँ रहूँगा। (2)
3. पार कर जाऊँगा एक ही पल में इस जगत को डेरा सरीखा मेरा यह घर गिराया जाएगा (2) आएगा जब मेरा यीशु सुनूँगा उसकी आवाज बाहों में मैं मढ़ जाऊँगा उसके समान दिखूंगा।
1. प्राण निकल जायेगा पहुंचूंगा मैं प्रभु के पास स्वीकार करेगा मुझे अपने देश विश्राम मैं पाउँगा (2)
कितना आराम कितना सुखमय वो मेरा जीवन होगा दुख से भरे जगत को मैं छोड़कर चला जाउँगा। (2)
2. देह छोड़ जाऊँगा पहनूंगा मैं स्वर्गीय को तैयार किया है चिरस्थायी वह जो परमेश्वर के द्वारा (2)
पाऊँगा मैं अनमोल वह ताज न कभी मुरझायेगा सुख से भरा देश वह होगा नित मैं वहाँ रहूँगा। (2)
3. पार कर जाऊँगा एक ही पल में इस जगत को डेरा सरीखा मेरा यह घर गिराया जाएगा (2) आएगा जब मेरा यीशु सुनूँगा उसकी आवाज बाहों में मैं मढ़ जाऊँगा उसके समान दिखूंगा।
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